Subhadra Yojana Application Issues: ओडिशा राज्य के अति पिछड़े वर्ग और कठिन भौगोलिक स्थिति वाले क्षेत्रों में स्थित नगड़ा और आस-पास नालियादाब गुहियाशाल तलडीह और तुमुणी सहित कई ऐसे गांव हैं जहां महिलाएं सुभद्रा योजना की पात्र हैं लेकिन महिलाओं को सरकार की महत्वपूर्ण योजना सुभद्रा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ये महिलाएं अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति और जंगली वातावरण के कारण इस योजना से वंचित हैं सुभद्रा योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का लक्ष्य है, लेकिन इन दूरदराज के इलाकों में रहने वाली महिलाओं को इसके लाभ तक पहुँचने में कई प्रकार की चुनौतियाँ आ रही हैं।
महिलाओं को आने-जाने का भारी खर्च एक बड़ी बाधा
ओडिशा के अति पिछड़े प्रखंड नगड़ा की 100 गरीब महिलाओं ने राज्य सरकार की सुभद्रा योजना (Subhadra Yojana 2024) के लिए आवेदन नहीं कर पाई। इस सुदूर क्षेत्र की अधिकांश महिलाएं जंगली वातावरण में रहती हैं और सार्वजनिक संचार प्रणाली उनकी पहुंच से दूर हैं। उन्हें राज्य सरकार की बहुचर्चित सुभद्रा योजना के बारे में जानकारी ही नहीं है। पात्र इच्छुक महिलाएं सुभद्रा योजना के आवेदन के लिए नगड़ा से 20 किलोमीटर दूर, जंगली रास्ते से कालियापाणी आने और जनसेवा केंद्र तथा बैंक आने-जाने वाले खर्च को उठाने में सक्षम नहीं हैं। इन महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन का कोई विकल्प नहीं मिलता और उन्हें पैदल ही इन स्थानों तक यात्रा करनी पड़ती है इस यात्रा में उन्हें 300 से 1000 रुपये तक का खर्च आता है, जो उनकी वित्तीय स्थिति को देखते हुए एक बहुत बड़ी बाधा है।
महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
सुभद्रा योजना ओडिशा सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सुभद्रा योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत 21 से 60 साल की एक करोड़ महिलाओं को पांच साल में पचास हजार रुपये की सहायता दी जाती है, लेकिन खर्च वहन नहीं कर पाने की वजह से कई महिलाओं ने सुभद्रा योजना से मुंह मोड़ लिया है। उनका कहना है कि कालियापाणी आने पर उन्हें एक दिन में 300 रुपये खर्च करने होंगे। इसके बाद भी सुभद्रा की राशि मिलेगी या नहीं पता नहीं।
सुभद्रा योजना के लिए आवेदन करने में महिलाएं क्यों असमर्थ हैं और क्या है समस्या?
नगड़ा और आसपास के गांवों की महिलाएं सुभद्रा योजना का लाभ इसलिए नहीं ले पा रही हैं क्योंकि उन्हें योजना की जानकारी ही नहीं है कई बार महिलाओं को यह भी नहीं पता कि इस योजना का उद्देश्य क्या है, और इसके तहत मिलने वाली सहायता का उन्हें किस प्रकार लाभ हो सकता है इसके अलावा, डिजिटल डिवाइड और नेटवर्क समस्या जैसी चुनौतियाँ भी उनके रास्ते में हैं।
महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या उनकी आर्थिक स्थिति है वे इस यात्रा के लिए खर्च उठाने के लिए सक्षम नहीं हैं, जिससे वे सुभद्रा योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाती हैं कई महिलाएं यह महसूस करती हैं कि व्यय और लाभ में संतुलन नहीं है, और ऐसे में वे योजना के लिए आवेदन करने से हिचकिचाती हैं।
महिलाओं तक यह योजना पहुँचाने के उपाए
यह समस्या केवल अर्थिक स्थिति से संबंधित नहीं है, बल्कि सरकारी जागरूकता और सुविधाओं की भी कमी है यदि सरकार और संबंधित विभाग इस दिशा में और बेहतर कदम उठाते हैं तो स्थिति में सुधार हो सकता है।
इस समस्या को हल करने के लिए, जिलाधीश पी. अन्वेषा ने एक कदम आगे बढ़ाया और नगड़ा में महिलाओं के लिए एक विशेष कैंप आयोजित करने का निर्देश दिया इन कैंपों में महिलाओं को सुभद्रा योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी और उनके केवाईसी अपडेट किए जाएंगे इसके अलावा, स्थानीय बैंकों के साथ मिलकर महिला-समर्थित योजनाओं को लागू करने की दिशा में भी काम किया जाएगा।
एक और कदम, जो इस दिशा में उठाया जा सकता है, वह है महिलाओं के आधार कार्ड, बैंक खाते और मोबाइल नंबर को एकीकृत करना वर्तमान में अधिकांश महिलाओं के पास बैंक खाते और आधार कार्ड सही तरीके से जुड़े हुए नहीं हैं, जिससे वे सुभद्रा योजना का लाभ प्राप्त करने में असमर्थ हैं ऐसे में, इन महिलाओं को स्थानीय बैंक शाखाओं और जनसेवा केंद्रों के माध्यम से सूचना प्रदान की जानी चाहिए और उनकी जानकारी को अपडेट किया जाना चाहिए।
कैंपों का नियमित आयोजन
समस्या को हल करने के लिए नियमित रूप से कैंपों का आयोजन किया जाना चाहिए इससे महिलाओं को योजना के बारे में जागरूक किया जा सकेगा और वे अपनी समस्याओं का समाधान आसानी से प्राप्त कर सकेंगी इन कैंपों में महिलाओं को उनके आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और अन्य आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे सुभद्रा योजना का लाभ उठा सकेंगी।